कहानीवाला (Kahaniwala) नौ बजे कहानी कहना शुरू करता। गाँव के बीचोंबीच वाली चौकी पर बैठक जमती। आसपास पानी छिड़का जाता, फिर लगती कतार से चारपाइयाँ और मूढ़े। उनके आने का …
desert
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ड़क किनारे खूब सारे रंग नज़र आये… लाल, पीला, हरा, काला। थोड़ी और पास गयी तो पता चला मूर्तियाँ (moortiyan) थीं। शायद उन रंगों का ही जादू था जिसने मुझे …